Tuesday, February 14, 2012

Valentine's Day की कथा सुन बोले प्रभु श्री राम...

Valentine's Day की कथा सुन बोले प्रभु श्री राम,
मनुजा तेरी इस कहानी में दीखता नहीं है धाम|
७ दिन में ७० करम फिर भी Guarantee नहीं!
एक धनुष ही तोड़ किया भाइयों तक का इंतज़ाम||



४ पंक्तियाँ प्रेम पर, इस 'अंतराष्ट्रीय पर्व' के नाम| किताबों की दुनिया से घिरा हूँ, तो वहीँ से कुछ पंक्तियाँ निकाल कर लाया हूँ-



दिल की किताबों के उड़ने लगे पन्ने,
Cover पे तुमको देख जुड़ने लगे पन्ने|
पढ़ना शुरू किया तो पढता ही रहा ,
बहने लगीं हवाएं तो मुड़ने लगे पन्ने||



प्रेम अमर होता है| आज के युग में सच्चा प्रेम पाना लगभग नामुमकिन सा है|  प्रेम से जुडी मेरी अन्य रचनायें इस लिंक पर पढ़ें-



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