




Friday, September 14, 2012
Wednesday, September 5, 2012
सारा जग महकाएँगे...
गलियों में, शहरों में, विदेशों तक मिल जायेंगे,
फूल उनके खिल रहे, सारा जग महकाएँगे|
ज्ञान की धारा से सींचा, जिसने क्यारी-क्यारी को,
'इश्वर' को ही भूल गए, फिर क्या 'मानस' रह पायेंगे||
जिन्होंने 'मानस' को 'मानस' बनाया, ऐसे तमाम शिक्षकों को नमन! 'शिक्षक दिवस' की शुभकामनाएं|
Also Read: 'भारत में शिक्षकों का सम्मान होता है'
Link: http://manaskhatri.wordpress.com/2011/09/03/teachers-day-2011/
Subscribe to:
Posts (Atom)