देश के कर्णधार ही हैं जबसे लंगूर हो गए,
आँख पे पट्टी रख गांधारी से मजबूर हो गए|
बह रही हैं स्वार्थ की नदियाँ यहाँ पे दोस्तों,
लोमड़ी की खातिर हम ही अंगूर हो गए||
कोई सिर्फ Like करता है, कोई Comment करता है,
कोई बस Friend list में ही Increment करता है|
धन्य हैं 'Mark' जिन्होंने गज़ब ये 'Book'बनाई है,
जो भी आता है 'मानस' वो Share moment करता है||
माँ-बाप से भी ऊँचा मान होता है|
भारत में शिक्षकों का सम्मान होता है|
प्यार से डाँट से या कभी इनकार से,
शिष्यों के लिए शिक्षक वरदान होता है|
मिट्टी को हीरा सा कोहिनूर बनाना,
नींव के ईंटों में योगदान होता है|
ज्ञान का भण्डार इनके चरणों में यारों,
रोम-रोम इनसे प्रकाश-मान होता है|
जीवन अंश ‘मानस’ चरणों में है अर्पण,
आँख खोल देता, कृपानिधान होता है|
भारत में शिक्षकों का..........||