मानस जी आप की रचना बहुत ही पसंद आई..आप को बस भाषा में थोड़े सुधर की आवशकता है.. वैसे तो रचना काफी रोचक है...पर यदि पूरी बात हिंदी भाषा में ही हो तो दर्शक पर उसका अलग ही प्रभाव पड़ता है... आप को उज्जवल भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं..
Purane dino ki baat karoon to, ek samay sirf post office main hi phone hua karte the aur dakiya ghar aakar suchit karta tha ki trunk call aya hai, post office chalen!
बहुत खूब..मोबाइल फोन के उजले और मैले दोनों ही पक्षों का सुन्दर चित्रण..
ReplyDeleteमानस जी आप की रचना बहुत ही पसंद आई..आप को बस भाषा में थोड़े सुधर की आवशकता है..
ReplyDeleteवैसे तो रचना काफी रोचक है...पर यदि पूरी बात हिंदी भाषा में ही हो तो दर्शक पर उसका अलग ही प्रभाव पड़ता है...
आप को उज्जवल भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं..
बहुत ही अच्छा प्रयास...आप ने विधार्थिओं के लिए यह निबंध संग्रह बना कर काफी अच्छा प्रयास किया है...
ReplyDeletePurane dino ki baat karoon to, ek samay sirf post office main hi phone hua karte the aur dakiya ghar aakar suchit karta tha ki trunk call aya hai, post office chalen!
ReplyDeleteexcilent..........
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