Tuesday, October 12, 2010

"Engineer-आस्तु" (हास्य-गीत)






कुछ वर्षों पहले बड़ी ही शान के साथ कहा जाता था, की "सामने वाला मकान, Engineer साहब का है"| आज माँ-बाप पढाई के प्रति इतना अधिक सचेत हैं, की बच्चे का नामकरण संस्कार बाद में होता है, वो भविष्य में क्या बनेगा पहले ही तय हो जाता है| मुझे तो संदेह है की कहीं Engineering कोई भयानक बीमारी तो नहीं| अब आप ही देख लीजिए, Virus कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है| बच्चा 10th के बाद ही तैयारी करने में लग जाता है| मैंने तो बड़ी ही मुश्किल से पिंड छुड़ाया है, वरना रिश्ते-नातेदारों में फैला Virus हमारे घर भी आ जाता|
देश को लाखों की संख्या में Engineers की ज़रूरत है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता| आज गली-गली खुलते कॉलेजों के बीच Engineering की पढ़ाई एक मज़ाक बन कर रह गई है| आप ने 'तथास्तु' सुना होगा, पर "Engineer-आस्तु"?..ये मेरा आशीर्वाद है, हर उस Student को जो दिल से Engineer बनना चाहता है| जो कोई भी Engineer वाली सोंच/प्रतिभा रखता हो वो इस क्षेत्र में खूब तरक्की प्राप्त करे, और हिन्दुस्तान का नाम रोशन करे| तो फिर "Engineer-आस्तु"-




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Monday, October 4, 2010

"लात के चमत्कार"

जिसको मैंने मारी लात,
खुलवा ली उसने फैक्ट्रीयाँ सात,
और जिसको मैंने नहीं मारी लात,
ज़िंदगी भर बस गिनता ही रह गया,
एक.दो.तीन.चार.पांच.छः.सात|