Thursday, June 16, 2011

बचपन के गुज़रे पल...

बचपन के गुज़रे पल में नादानी होती है,
यौवन में कर गुज़रने की मनमानी होती है|
समय की धारा को मोड़ न पाया जो,
बुढ़ापे में अनगिनत परेशानी उठानी होती है||

4 comments:

  1. सही फरमाया आपने।

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  2. Ji haan...sahi kaha "समय की धारा को मोड़ न पाया जो,
    बुढ़ापे में अनगिनत परेशानी उठानी होती है|"

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  3. बढ़िया लिखा है!

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