Saturday, September 3, 2011

भारत में शिक्षकों का...

माँ-बाप से भी ऊँचा मान होता है|


भारत में शिक्षकों का सम्मान होता है|


प्यार से डाँट से या कभी इनकार से,


शिष्यों के लिए शिक्षक वरदान होता है|


मिट्टी को हीरा सा कोहिनूर बनाना,


नींव के ईंटों में योगदान होता है|


ज्ञान का भण्डार इनके चरणों में यारों,


रोम-रोम इनसे प्रकाश-मान होता है|


जीवन अंश ‘मानस’ चरणों में है अर्पण,


आँख खोल देता, कृपानिधान होता है|


भारत में शिक्षकों का..........||

7 comments:

  1. गुरू से बढ़कर कौन भला...

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  2. शिक्षको के लिए आपके सम्मान को समझते हैं
    नस - नस में बसे आपके उच्च संस्कार को समझते हैं
    लेकिन घोर कलियुग है इसे ध्यान रखियेगा
    अक्सर कुछ शिक्षक द्रोणाचार्य भी निकलते हैं....
    मानस भाई charchchit32@blogspot.com पर मेरा भी ब्लॉग है.....दिल करे तो......

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  3. मानस जी बहुत अच्‍छे भावों के साथ लिखा है। उत्‍तम।

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  4. अंकित पठानSeptember 5, 2011 at 8:46 PM

    बहुत ही बढ़िया, युवा कवी का ब्लॉग बहुत ही अच्छा लगा| 'माँ-बाप से भी ऊँचा मान होता है....' ज़बरदस्त! हिंदी कविता की आधुनिक पीढ़ी का स्वागत है| आप का प्रयास सराहनीय है| यूट्यूब पर आपकी की विडियो भी देखी, प्रसन्नता हुई|

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  5. first time to your blog
    nice poem Manas

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  6. Hey ! Manas Manav Hai Aap Manas Main......Kalam Main Dam Hiin Nahi Kham Bhai Hai.....Jio Manas......
    naveenpradhan @satellite.

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