भारत में शिक्षकों का...
माँ-बाप से भी ऊँचा मान होता है|
भारत में शिक्षकों का सम्मान होता है|
प्यार से डाँट से या कभी इनकार से,
शिष्यों के लिए शिक्षक वरदान होता है|
मिट्टी को हीरा सा कोहिनूर बनाना,
नींव के ईंटों में योगदान होता है|
ज्ञान का भण्डार इनके चरणों में यारों,
रोम-रोम इनसे प्रकाश-मान होता है|
जीवन अंश ‘मानस’ चरणों में है अर्पण,
आँख खोल देता, कृपानिधान होता है|
भारत में शिक्षकों का..........||
गुरू से बढ़कर कौन भला...
ReplyDeleteशिक्षको के लिए आपके सम्मान को समझते हैं
ReplyDeleteनस - नस में बसे आपके उच्च संस्कार को समझते हैं
लेकिन घोर कलियुग है इसे ध्यान रखियेगा
अक्सर कुछ शिक्षक द्रोणाचार्य भी निकलते हैं....
मानस भाई charchchit32@blogspot.com पर मेरा भी ब्लॉग है.....दिल करे तो......
मानस जी बहुत अच्छे भावों के साथ लिखा है। उत्तम।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया, युवा कवी का ब्लॉग बहुत ही अच्छा लगा| 'माँ-बाप से भी ऊँचा मान होता है....' ज़बरदस्त! हिंदी कविता की आधुनिक पीढ़ी का स्वागत है| आप का प्रयास सराहनीय है| यूट्यूब पर आपकी की विडियो भी देखी, प्रसन्नता हुई|
ReplyDeletefirst time to your blog
ReplyDeletenice poem Manas
Hey ! Manas Manav Hai Aap Manas Main......Kalam Main Dam Hiin Nahi Kham Bhai Hai.....Jio Manas......
ReplyDeletenaveenpradhan @satellite.
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