Friday, December 30, 2011

जिसे था लटकना...

जिसे था लटकना वो तोड़ रहा 'शाही थाल' है,
लटक रहा तो बस अपना बिल 'लोकपाल' है|
तुम लटक कर ही Try करो, हम COMPLAN पीते हैं,
ज़रा चुनाव आने दो, फिर पूछेंगे जनाब क्या हाल है?

1 comment:

  1. Apki kavitaye kaphi khubsurti se corruption pr khutharaghat karti hai.

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