




Sunday, March 17, 2013
संसार मिल जाता है...
आपका आशीष और प्यार मिल जाता है,
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दिल में तेरी परछाई होगी...
टूटे सपनों की एक दिन भरपाई होगी,
तू दूर सही दिल में तेरी परछाई होगी|
तेरे लिए जागा हूँ मैं सारी-सारी रात,
करवट बदल के तुने भी रात बिताई होगी||
Thursday, February 14, 2013
कोई कुँवारा न होता...
Well in Time/बेलन-Time=> Valentine's Day पर विशेष-
गर अपनी निगाहों से मारा न होता|
शब्दकोश में शब्द ये आवारा न होता|
एक ही दिवस में बात बन जाती तो,
फिर दुनिया में कोई कुँवारा न होता|
Wednesday, January 2, 2013
तब नव वर्ष मनाएं...
नेशनल पी.जी. कॉलेज, लखनऊ के वार्षिकोत्सव 'ओज-२०१२-१३' के अंतर्गत आयोजित 'काव्य लेखन प्रतियोगिता' में प्रथम-स्थान प्राप्त हुआ!
[caption id="attachment_1384" align="aligncenter" width="655"]

जाते-जाते दिल को मेरे दे गया है घात,
‘नव वर्ष हो मुबारक’कही न जाए बात|
कही न जाए बात क्या गीत गुनगुनाएं,
कलुष मिटे हृदय का तब नव वर्ष मनाएं|
हो रहे घोटाले यहाँ हो रहे विवाद,
आंदोलन हुआ शून्य न हुआ कुछ बाद|
न हुआ कुछ बाद बस चीखे चिल्लाए,
भ्रष्टाचार मिटे हम तब नव वर्ष मनाएं|
दाम बढते-बढते वजन में भी चूना लगा,
Petrol-Diesel संग L.P.G. भी दगा|
L.P.G. भी दगा, भोजन कच्चा ही खाएं,
महंगाई पर लगे लगाम तब नव वर्ष मनाएं|
बेबस खड़ा है शेर मेमने के सामने,
पहले तो काटा हाथ फिर लगा है थामने|
फिर लगा है थामने ‘मानस’ सबको ये बताएं,
‘जैसे को मिले वैसा’ तब नव वर्ष मनाएं||
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