bilkul sahi kaha. :)...shilpa
lovely verse!
very true.
इरशाद है ...अजी शहर गली क्यूँ अनजान हो जायेंगे बस हम एक शहर से दुसरे शहर को निकल जायेंगेइन्तिहाँ तो जिंदगी भर पड़ी है कभी पेपर पे तो कभी जिंदगी मेपर गीत हमेशा गुनगुनायेंगे हम एक शहर से दुसरे शहर को निकल जायेंगे ~Rhttp://rrajivhind.wordpress.com
Thanks for this excellent resource.
bilkul sahi kaha. :)
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shilpa
lovely verse!
ReplyDeletevery true.
ReplyDeleteइरशाद है ...
ReplyDeleteअजी शहर गली क्यूँ अनजान हो जायेंगे
बस हम एक शहर से दुसरे शहर को निकल जायेंगे
इन्तिहाँ तो जिंदगी भर पड़ी है
कभी पेपर पे तो कभी जिंदगी मे
पर गीत हमेशा गुनगुनायेंगे
हम एक शहर से दुसरे शहर को निकल जायेंगे
~R
http://rrajivhind.wordpress.com
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