Monday, January 31, 2011

शहर-गली-मोहल्ले...

[caption id="attachment_944" align="aligncenter" width="600" caption="शहर-गली-मोहल्ले..."]शहर-गली-मोहल्ले...[/caption]

5 comments:

  1. इरशाद है ...
    अजी शहर गली क्यूँ अनजान हो जायेंगे
    बस हम एक शहर से दुसरे शहर को निकल जायेंगे
    इन्तिहाँ तो जिंदगी भर पड़ी है
    कभी पेपर पे तो कभी जिंदगी मे
    पर गीत हमेशा गुनगुनायेंगे
    हम एक शहर से दुसरे शहर को निकल जायेंगे
    ~R
    http://rrajivhind.wordpress.com

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